THE SINGLE BEST STRATEGY TO USE FOR MALKIN KI MALISH

The Single Best Strategy To Use For malkin ki malish

The Single Best Strategy To Use For malkin ki malish

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मालिश से मांसपेशियों में तनाव भी कम होता है और दर्द एवं दांत निकलने पर होने वाली दिक्‍कतों से भी राहत मिलती है। जिन बच्‍चों को जन्‍म नौ महीने से पहले हो जाता है, उनका भी मालिश से अच्‍छा विकास होने में मदद मिल सकती है।

मालिश के लिए बच्चों के लिए बनाए गए तेल को ही चुने। बिना खुशबूदार तेल को ही बच्चे की मालिश के खरीदें।

मालिश करते समय नाभि पर दबाव न बनाएं। जन्म के कुछ दिनों बाद ही बच्चे की नाभि अपनी सही स्थिति में आती है, ऐसे में बच्चे की नाभि बेहद ही संवेदनशील होती। (और पढ़ें - बच्चों की नाभि की देखभाल का वीडियो)

मालिश करने के लिए सबसे पहले आपको अपने बच्चे को इसके लिए तैयार करना होगा, क्योंकि अगर बच्चे को मालिश करते समय शांत नहीं होगा तो वह आपको सही तरह से मालिश नहीं करने देगा।  बच्चे को मालिश के लिए तैयार करने का सरल तरीका है आप अपनी हथेलियों में थोड़ा सा तेल ले और धीरे-धीरे बच्चे के पेट व कानों के पीछे लगाएं। ऐसा करते समय आप बच्चे के शरीर की प्रतिक्रिया को समझने का प्रयास करें। अगर बच्चा आप से दूर होने लगे, आपके छुने से परेशान होने लगे या रोने लगे तो आप समझ जाएं कि वो अभी मालिश नहीं करवाना चाहता है। लेकिन आपके द्वारा बच्चे के पेट और कान पर तेल लगाते समय वह शांत रहे हैं तो आपको उसकी मालिश शुरु कर देनी चाहिए। (और पढ़ें - गर्भावस्था को सप्ताह के अनुसार जानें)

तेल और अपने हाथों को मसाज करने से पहले थोड़ा गर्म कर लें। ठंडा तेल और ठंडे हाथ आरामदायक मसाज करने के लिए अनूकूल नही होते है।

एक अध्ययन से पता चला है कि मालिश से बच्चे को जो स्पर्श महसूस होता है वह स्पर्श की भावना बच्चे के मानसिक और सामाजिक विकास पर सकारात्मक प्रभाव डालती है। इसके अलावा मालिश से माता-पिता के साथ बच्चे के रिश्ता मजबूत बनते हैं।

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मालिश से शिशु का तनाव कम होता है। शिशु की मालिश से उसके शरीर में खुशी को महसूस कराने वाला हार्मोन ऑक्सीटोसीन जारी होने लगाता है, साथ ही तनाव का कारण बनने वाला हार्मोन (कोर्टिसोल) में कमी आती है। इसके अलावा बच्चे की मांसपेशियों में आराम मिलता है, जिससे आपके बच्चे का विकास तेजी से होता है।

मसाज करने से आपके मस्तिष्क को आराम मिलता है और मूड भी अच्छा होता है। शांत और रिलैक्स्ड मूड के साथ सोने से आपको नींद बेहद अच्छी आती है। इस तरह आप सुबह थका हुआ महसूस नहीं करते।

उसके बाद आपको आलिव ऑइल को एक स्टील के बर्तन में तेज़ गर्म कर लेना है।

मसाज करने से शरीर के मुलायम उत्तक उत्तेजित होते हैं और रक्त व लिम्फाटिक प्रणाली से विषाक्त पदार्थों को निकालने में मदद करते हैं।

मां बनने के बाद कई महिलाएं अपने बच्चे की मसाज करना चाहती हैं, लेकिन मसाज का सही तरीका मालूम न होने के कारण महिलाओं को परेशानी का सामना करना पड़ता है। आपकी इसी परेशानी को देखते हुए, इस लेख में नवजात शिशु की मालिश के बारे में विस्तार से बताया जा रहा है। साथ ही आपको नवजात शिशु की मालिश क्या है, नवजात शिशु की मालिश कब शुरू करें और कितनी बार करें, नवजात शिशु की मालिश के फायदे, नवजात शिशु की मसाज करने का सही समय, शिशु की मालिश कैसे करें, बच्चे की मालिश के लिए टिप्स व नवजात शिशु की मालिश कब तक करनी चाहिए, आदि बातों के बारे में भी बताया जा रहा है।

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